Saturday, 2 July 2016

     सृजन हो रहा

स्याही कलम में हो लीन
संताप कर ह्रदय में विलीन
उद्वेलित कविमन हो रहा
जग कहता सृजन हो रहा...

शब्दों से करता प्रकृति का श्रृंगार
कभी भावों से करता दुलार
बालक कभी सजन हो रहा 
जग कहता सृजन हो रहा....

रवि, शशि, उडुगन की देख दिशा
प्रातः, दोपहर, संध्या और निशा 
कभी षड्ऋतुओं में मगन हो रहा
जग कहता सृजन हो रहा...

भारत माँ का गुणगान कभी
देश के गौरव का बखान कभी
शहीदों का भजन हो रहा
जग कहता सृजन हो रहा...

मर्यादा पुरुषोत्तम राम कभी
मुरली मनोहर श्याम कभी
माँ शारदे का वंदन हो रहा
जग कहता सृजन हो रहा...

दीपा गुप्ता

Tuesday, 26 March 2013

होली

प्यार का है ये गुलाल
रंग जिसका लाल लाल,
मल दूँ चेहरे पर तुम्हारे
लाल-लाल हो जाएँ गाल ...

उजला-उजला है रंग पीला
गुलाबी, नारंगी और नीला,
भर पिचकारी निकले सारे
करते एक दूजे को गीला ...

खुशहाली का रंग हरा
खूब फले फूले ये धरा,
होली पर यही कामना
घर आँगन हो हरा भरा ...

   दीपअमित गुप्ता

Tuesday, 5 March 2013

तनहाई का मौसम

बेचैन कर देंगे इतना
कि पल पल याद
सताएगी हमारी
तनहाई का मौसम बीता
अब मिलने की है बारी ....

   अमित गुप्ता 

जब उनकी बात होती है

जब कभी किसी से
उनकी बात होती है

दिल में हलचल - सी
दिन - रात होती है

बेकरारी का आलम
तनहाई साथ होती है

एक भी झलक उनकी
ख़ुशी की सौगात होती है 

चले आये वो मिलने तो
रिमझिम बरसात होती है.

    दीपअमित गुप्ता 


Thursday, 28 February 2013

दिल धड़कने लगा है

इतना प्यार न करो हमसे
कि ये दिल धड़कने लगा है
तुम्हारे पास आने को
अब मचलने लगा है
ज़माना दिल की बात समझता नहीं
अब तो ज़माना भी दुश्मन लगने लगा है

          अमित गुप्ता 

जबसे हुई है तुमसे मोहब्बत

इतना प्यार न करो हमसे
कि ये दिल धड़कने लगा है,

दूर रहना दुशवार हो गया
पास आने को तड़पने लगा है,

दिल की बात समझता नहीं
ज़माना दुश्मन लगने लगा है,

जबसे हुई है तुमसे मोहब्बत
दिल खुद से बातें  करने लगा है,

इंतजार करना हुआ मुश्किल
वक़्त कुछ धीरे चलने लगा है .

        दीपअमित गुप्ता





Wednesday, 13 February 2013

Our Love is like a Virtuous Shrine

From the day 
you are mine,
each day of life 
is of valentine.

When you feel something 
my heart perceives,
I want to say something 
Your conscience receives,

In which we are stringed together,
Affinity of hearts becomes divine.

When you hold me 
in your enormous arms,
I feel I have got
the whole world's charms,

To which we are completely devoted,
Our love is like a virtuous shrine.