Monday, 10 December 2012

नजदीकियां

याद है पहली बार वो तेरे छूने का एहसास
करीब होकर भी दूर, दूर होकर भी थे पास,

चलते चलते हाथ थाम लिया था
शरमाकर मैंने छुड़ा दिया था,

दूरियां नजदीकियां सहते सहते
न बनता था हाले-दिल भी कहते, 

ज़माने से छुप जब-जब  नज़रें मिलती थीं
साँसों में तरंग, दिल में कलियाँ खिलती थीं,

प्यार- प्यार तो ज़िक्र भर में हो गया तुमसे
प्यार है - तुमने भी कभी नही कहा मुझसे,

आज जुड़ गए एक दूजे से इस कदर
हसीन हो गया है ज़िन्दगी का सफ़र ...

3 comments:

  1. प्यार- प्यार तो ज़िक्र भर में हो गया तुमसे
    प्यार है - तुमने भी कभी नही कहा मुझसे,


    बहुत अच्छी अभिव्यक्ति

    ReplyDelete
  2. याद है पहली बार वो तेरे छूने का एहसास
    करीब होकर भी दूर, दूर होकर भी थे पास
    वाह वाह क्या बात है

    ReplyDelete