मेरी आँखों के सपने
आ मेरे आँचल में
रखूँ तुझे सीने से लगा,
बरसाऊँ तुझ पर दुलार
गोद में सिर रख सहला,
तुझसे करूँ बातें हज़ार
मेरी आँखों के सपने ........
दुआओं में खुदा से माँगा है तुझे
हर घडी हर पल चाह है तुझे
करूँ हर ख़ुशी तुझ पर निसार
मेरी आँखों के सपने ........
सुबह के सूरज सा,
रात्रि के चाँद सा तू
हर्षित मन आँगन में
छाया उन्माद सा तू
मेरी आँखों के सपने ........
बंद आँखों से पलकों पर उतरा
जगमग नन्हा सा दीप तू
कब से था कल्पनाओं में
अब आया है समीप तू
मेरी आँखों के सपने ........
आ मेरे आँचल में
रखूँ तुझे सीने से लगा,
बरसाऊँ तुझ पर दुलार
गोद में सिर रख सहला,
तुझसे करूँ बातें हज़ार
मेरी आँखों के सपने ........
दुआओं में खुदा से माँगा है तुझे
हर घडी हर पल चाह है तुझे
करूँ हर ख़ुशी तुझ पर निसार
मेरी आँखों के सपने ........
सुबह के सूरज सा,
रात्रि के चाँद सा तू
हर्षित मन आँगन में
छाया उन्माद सा तू
मेरी आँखों के सपने ........
बंद आँखों से पलकों पर उतरा
जगमग नन्हा सा दीप तू
कब से था कल्पनाओं में
अब आया है समीप तू
मेरी आँखों के सपने ........
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