सान्निध्य
Wednesday, 30 January 2013
मुक्तक
जब चेहरे पर
मुस्कराहट आने लगे
और नज़र
खुद से शरमाने लगे
तो समझ लेना
हम पास आने लगे
1 comment:
Unknown
17 March 2013 at 22:45
वाह.....बहुत सुन्दर
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वाह.....बहुत सुन्दर
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