Thursday 5 July 2012

बालक

चन्द्र-से चंचल
नीर से निर्मल
कमल-से कोमल 
स्वप्नों-से स्वप्निल
सुन्दर स्नेहिल.
तन को शीतल
मन को पावन कर,
उपवन महकाते
सोये स्वप्न जगा
मंद--मंद मुस्काते.
मयूर-से मोहक
साधु-से सम्मोहक
मन हर्षाते 
सुध-बुध भुलाते .
भावना-से विह्वल
नदिया-से निश्छल
विभोर करते
निस्वार्थ रहते.
उजाले-से उजले
संध्या से सुहाने 
उदित होते-छिपते
अठखेलियाँ करते.....

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