Monday 16 July 2012

आस के पंछी

उड़ते - उड़ते दूर
बहुत दूर चले जाते हैं
आस के पंछी,

शाम ढ़ले घोंसलों में
लौट आते हैं
आस के पंछी,

सवेरा होते ही
चल देते नई उड़ान पर
आस के पंछी,
 
क्षितिज की चाह में
भटकते फिरते
आस के पंछी...

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