क्यों याद आते हैं
वो - जो बिछुड़ गए
जो साथ थे कभी
अब जाने किधर गए
चमक उठती हैं आँखें
उन खुशियों को याद कर
जो बरसों पहले पाई थीं
भर आती हैं आँखें
सोच उस उदासी को
जो जीवन में छाई थी
क्यों लौट लौट आते हैं
लम्हे जो गुज़र गए
महका है तन मन
उन फूलों की खुशबू से
जो दिल में खिले थे
डर जाता है दिल
सोचकर ही-
परबत से जो हिले थे
क्यों मन को बहकाते हैं
बादल जो बरस गए
वो - जो बिछुड़ गए
जो साथ थे कभी
अब जाने किधर गए
चमक उठती हैं आँखें
उन खुशियों को याद कर
जो बरसों पहले पाई थीं
भर आती हैं आँखें
सोच उस उदासी को
जो जीवन में छाई थी
क्यों लौट लौट आते हैं
लम्हे जो गुज़र गए
महका है तन मन
उन फूलों की खुशबू से
जो दिल में खिले थे
डर जाता है दिल
सोचकर ही-
परबत से जो हिले थे
क्यों मन को बहकाते हैं
बादल जो बरस गए
बहुत ही सुंदर पंक्तियाँ हैं
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