Friday, 24 August 2012

सच

सच है  - कि सच
सच ही रहता है
सच के समीकरण
भले ही बदल जाएँ

ये भी सच है
की झूठ -
झूठ ही होता है
उसके आवरण
कितने भी बदल जाएँ

इस सच और झूठ के बीच
हमेशा चलता रहता है द्वंद्व,
निरंतर-

कभी सच विजयी होता है
तो कभी झूठ- सच को
चिढ़ाता-सा प्रतीत होता है

लेकिन फिर भी सच,
सच ही रहता है
और झूठ झूठ ही होता है.

3 comments:

  1. शानदार ...........सच्ची बात कही ...

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  2. True and honest...thanks for sharing !!

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