एक दिन तूफाँ सा आया
आँधियाँ उठने लगी
तेज़ हवाएँ चलने लगी
यकीं था कि तुम
हवाओं का रुख मोड़ दोगे
आँधियों को थाम दोगे
तूफ़ान को रोक दोगे
मेरा हाथ थाम मुझे सहारा दोगे
गिर पड़ने पर
उठ खड़े होने की हिम्मत दोगे
पर तुमने
मुझे तूफाँ में भटकने को
बेसहारा बेसुध छोड़ दिया
आस थी की चले भी गये तो
कुछ दूर जाकर आवाज़ दोगे
सोचा था एक बार पलटकर देखोगे
पर देर हो गई शायद
अरसे बाद
तुमने हाथ बढ़ाया तो
मेरी हिम्मत टूट चुकी थी
तुमने पुकारा तो
सुन पाने की ताकत क्षीण हो चुकी थी
तुमने मुडकर देखा तो
धूल भरी हवाओं में
सब कुछ धुंधला सा गया था
आँधियाँ उठने लगी
तेज़ हवाएँ चलने लगी
यकीं था कि तुम
हवाओं का रुख मोड़ दोगे
आँधियों को थाम दोगे
तूफ़ान को रोक दोगे
मेरा हाथ थाम मुझे सहारा दोगे
गिर पड़ने पर
उठ खड़े होने की हिम्मत दोगे
पर तुमने
मुझे तूफाँ में भटकने को
बेसहारा बेसुध छोड़ दिया
आस थी की चले भी गये तो
कुछ दूर जाकर आवाज़ दोगे
सोचा था एक बार पलटकर देखोगे
पर देर हो गई शायद
अरसे बाद
तुमने हाथ बढ़ाया तो
मेरी हिम्मत टूट चुकी थी
तुमने पुकारा तो
सुन पाने की ताकत क्षीण हो चुकी थी
तुमने मुडकर देखा तो
धूल भरी हवाओं में
सब कुछ धुंधला सा गया था
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