आज है उजला-उजला
कल जाने किस रंग-रूप हो
खिली है चाँदनी
कल जाने फिर धूप हो,
ज्यों पानी का बुलबुला-प्रति पल
पलक झपकते होता ओझल
जीवन की लहरों का
जाने क्या स्वरूप हो...
कल जाने किस रंग-रूप हो
खिली है चाँदनी
कल जाने फिर धूप हो,
ज्यों पानी का बुलबुला-प्रति पल
पलक झपकते होता ओझल
जीवन की लहरों का
जाने क्या स्वरूप हो...
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