तूफाँ सा आया था कभी
कोहरा सा छाया था कभी
छंट गए बादल
थम गई आंधी,
धुंध हट गई
काली रात कट गई
जिससे मन घबराया था कभी
बरसे हैं बादल फुहार बन
शीतल जलधार बहती है,
आने लगी है रोशनी
उन सभी राहों में
जहाँ अँधियारा छाया था कभी।
कोहरा सा छाया था कभी
छंट गए बादल
थम गई आंधी,
धुंध हट गई
काली रात कट गई
जिससे मन घबराया था कभी
बरसे हैं बादल फुहार बन
शीतल जलधार बहती है,
आने लगी है रोशनी
उन सभी राहों में
जहाँ अँधियारा छाया था कभी।
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