मन में उजियारा करने को
तम की आंधी हरने को,
जग को आलोकित करने को
स्वप्नों को पुलकित करने को,
प्रज्ज्वलित हो एक दीपशिखा.
ईर्ष्या औया द्वेष मिटा -
प्रेम-सुधा बरसाने को
पथराई-सी आँखों में
फिर से आस जगाने को
प्रज्ज्वलित हो एक दीपशिखा.
आंसू का दामन छोड़ -
मुश्किलों से लड़ जाने को
अवचेतन को चेतन कर -
प्रबल उत्साह जगाने को
प्रज्ज्वलित हो एक दीपशिखा.
तम की आंधी हरने को,
जग को आलोकित करने को
स्वप्नों को पुलकित करने को,
प्रज्ज्वलित हो एक दीपशिखा.
ईर्ष्या औया द्वेष मिटा -
प्रेम-सुधा बरसाने को
पथराई-सी आँखों में
फिर से आस जगाने को
प्रज्ज्वलित हो एक दीपशिखा.
आंसू का दामन छोड़ -
मुश्किलों से लड़ जाने को
अवचेतन को चेतन कर -
प्रबल उत्साह जगाने को
प्रज्ज्वलित हो एक दीपशिखा.
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