Wednesday, 11 July 2012

न छेड़ो

न छेड़ो बीती बातों को
जो धूमिल हो चुकी हैं

रहने दो उन यादों को
जो खाक हो चुकी हैं

आया है लम्हा लम्हा
खुशियों का पैगाम ले...

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