मौसम बदल रहा है
उमस भरी हवा में अब
काया नही झुलसती,
बदला है रुख
पूरब के गर्म झोंके का.
मौसम बदल रहा है
सीत्कारती सर्द लहरें
शूल सी नहीं चुभती,
बंद है द्वार पश्चिम के
खुले झरोखे का.
मौसम बदल रहा है
बेकल नही करते
झड़ते पीले पत्ते
उत्तर में मुह मोड़ा है
अंतर में उठती लहरों का
मौसम बदल रहा है
चित्त को चित्त करते है
उगते किसलय दल,
महका है कोना कोना
दक्खिन के उपवन का.
उमस भरी हवा में अब
काया नही झुलसती,
बदला है रुख
पूरब के गर्म झोंके का.
मौसम बदल रहा है
सीत्कारती सर्द लहरें
शूल सी नहीं चुभती,
बंद है द्वार पश्चिम के
खुले झरोखे का.
मौसम बदल रहा है
बेकल नही करते
झड़ते पीले पत्ते
उत्तर में मुह मोड़ा है
अंतर में उठती लहरों का
मौसम बदल रहा है
चित्त को चित्त करते है
उगते किसलय दल,
महका है कोना कोना
दक्खिन के उपवन का.
superb.
ReplyDeleteसुंदर रचना |
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