रुपहले इन रंगों में
यूँ रंग गई आँखें
कि नज़र आया न
कुछ और फिर...
डूब गए इस कदर
की भूल बैठे सब
बनकर बादल आज ये रंग -
बरस गए आँखों से,तो जाना-
और भी हैं रंग इस जहाँ में,
बेतरतीब हो चली थी
हर चीज़ ज़िन्दगी में,
होश में आये तो जाना-
जीने का भी है ढंग इस जहाँ में...
यूँ रंग गई आँखें
कि नज़र आया न
कुछ और फिर...
डूब गए इस कदर
की भूल बैठे सब
बनकर बादल आज ये रंग -
बरस गए आँखों से,तो जाना-
और भी हैं रंग इस जहाँ में,
बेतरतीब हो चली थी
हर चीज़ ज़िन्दगी में,
होश में आये तो जाना-
जीने का भी है ढंग इस जहाँ में...
excellent......
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