कितनी बातों का मतलब अभी समझना बाकी है,
ठहर जाओ कि दिल का अभी संभलना बाकी है.
डर है कहीं अजनबी न रह जाएँ हम
चाहकर भी कुछ न कह पायें हम
मिलने लगी हैं राहें पर
हमें अभी खुद को समझना बाकी है,
ठहर जाओ कि दिल का अभी संभलना बाकी है.
क्या जानें दिल की बातें जो नादान हैं
सीने में उठते तूफ़ान से अनजान हैं
थमने लगी है आंधी पर
मौसम का अभी बदलना बाकी है,
ठहर जाओ कि दिल का अभी संभलना बाकी है.
ठहर जाओ कि दिल का अभी संभलना बाकी है.
डर है कहीं अजनबी न रह जाएँ हम
चाहकर भी कुछ न कह पायें हम
मिलने लगी हैं राहें पर
हमें अभी खुद को समझना बाकी है,
ठहर जाओ कि दिल का अभी संभलना बाकी है.
क्या जानें दिल की बातें जो नादान हैं
सीने में उठते तूफ़ान से अनजान हैं
थमने लगी है आंधी पर
मौसम का अभी बदलना बाकी है,
ठहर जाओ कि दिल का अभी संभलना बाकी है.
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