पहली - पहली फुहार -
जो भीषण गर्मी से,
देती है राहत मन को,
अरसे तक रहती है,
उस बरसात की
चाहत मन को.
यूँ फिर आती हैं -
मौसम के साथ बौछारें,
पहली -पहली बार
हलकी - सी बूँदें जो
प्राण फूंकती हैं -
तरुणाई शाखों में
अरसे तक रहती है,
उस बरसात की
चाहत मन को.
जो भीषण गर्मी से,
देती है राहत मन को,
अरसे तक रहती है,
उस बरसात की
चाहत मन को.
यूँ फिर आती हैं -
मौसम के साथ बौछारें,
पहली -पहली बार
हलकी - सी बूँदें जो
प्राण फूंकती हैं -
तरुणाई शाखों में
अरसे तक रहती है,
उस बरसात की
चाहत मन को.
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