सान्निध्य
Friday, 6 July 2012
रूबरू
कहते हैं हम खुदा जिसे,
खुदा की शख्सियत में
आया तो नहीं नज़र कहीं
यूँ - शक नहीं
उसकी खुदाई पर
हो जाते जो -
रूबरू एक बार
दराज़ हो जाता यकीं.
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